चलो आज सम्दर को शराब कर ही देते हैं... आखिर शुक्रवार को शनिवार फिर से कर देते हैं... जानता होता तुझे तो दुर होते तुझसे... तो आज बरकरार होते... जरूिरत तो आज आ ही गई होगी... तब तो होंटो को जाम और खुद को शराब बना लेते... हाँ स्पीढ दाईक में तेरा नाम रख्खा था... ताकि जल्दी से काल कर सकुँ... हाँ तभी तो उसे अपना नशा... और खुद को शराब होने दिया....।।।। haan!