टूटे हौसलों को फिर जोड़ दूँगा मेरे पंखों को फिर एक उड़ान दूँगा क्या हुआ जो मुझे रोका है इन आँधियो ने मैं डरा था कुछ पल के लिये पर ये ठहरी ही रहेगी मेरे मंजिल के आड़े ऐसा किस पन्ने पर लिखा है तोड़ देंगे कई राही मुझे चलते-चलते मेरी नाकामी पे हँसते हुए भी एक मौका भले मिले सबको मेरी दुःखती नसों पर दर्द देने का हर बार ही ऐसा मौका उन्हें मिले ऐसा मैं मान लूं ये जरूरी तो नही उठ खड़ा मैं हो जाऊँगा आखरी बाजी के लिए तोड़ गुरुर सबका मैं ही छा जाऊँगा सबकी ही बातों को मैं गलत साबित कर आऊँगा मैं मेरी मंजिल को इतनी मेहनत से पा जाऊँगा मैं मेरे अपनों के होंठो की मुस्कान बन जाऊँगा nojoto app#poetry