White बता दुनिया को क्या बोलूं, तुम्हारा हाल पूछा है। मैं अपने घाव फिर खोलूं, तुम्हारा हाल पूछा है? ये पूछा है मिले कैसे, वो कैसे बात करती थी? थी कितनी खूबसूरत वो, नजर से घात करती थी? मैं क्या बोलूं ,क्या न बोलूं तुम्हारा हाल पूछा है? कभी मंदिर जो जाता हूं, तुम्हें राधा में पाता हूं। भजन भूले सभी मुझको, तुम्हारे गीत गाता हूं। समर्पित मैं तुम्हें हो लूं, तुम्हारा हाल पूछा है? बहुत पहले की वो रातें, कि तुम जब चांद होती थी। बना कर आसमां मुझको, मेरी बाहों में सोती थी। मैं अपनी बांह फिर खोलूँ, तुम्हारा हाल पूछा है? था गंगा का किनारा और तुम थी। हवा का शोर था और मैं था। अबकी बार मैं बोलूं, तुम्हारा हाल पूछा है। ये खामोशी की चादर, पांव से लंबी हुई है। वो खत छोटा पड़ा था, अलविदा लिखने से पहले। अश्कों के नीले धब्बे और लाल गुलाबों के सड़े हुए दाग रिश्तों की तहों में फंसकर बदबू दे रहे हैं। मगर दिल में एक तरोताजा ममी है तुम्हारे इश्क का जिसे हर रात उठता है एक नया गीत, हर सुबह बहती है गजल की गंगा। तुमसे मोहब्बत कभी खत्म नहीं हुई और इसलिए नफरत भी न कर सका। बता किस तराजू पे एहसासों को तौलूं, तुम्हारा हाल पूछा है।। ©निर्भय चौहान #love_qoutes वरुण तिवारी शेरो शायरी शायरी हिंदी में गम भरी शायरी शायरी लव दोस्ती शायरी