एक कविता लिखनी थी मुझे जिसमें लिखा जाना था.. कहानी अंत और आरंभ की सृष्टि के प्रारंभ की बसंत के बाहर की जगत के आधार की माता के ममता की पिता के क्षमता की पुरुष के शक्ति की स्त्री के भक्ति की भक्तों के गरिमा की भगवान के महिमा की पतझड़ के कहानी की सावन की जवानी की सागर के पानी की गुरु के वाणी की पर कभी लिखी नहीं गई.. एक कविता लिखनी थी मुझे जिसमें लिखा जाना था.. कहानी अंत और आरंभ की सृष्टि के प्रारंभ की बसंत के बाहर की जगत के आधार की माता के ममता की