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ज्वार-भाटा वो इश्क़ की लुका छुपी बहुत हुई, सहसा

ज्वार-भाटा 

वो इश्क़ की लुका छुपी बहुत हुई,
सहसा ठहर जाती है धड़कन, तुझे न पाकर कहीं,

माना लहरों की साहिल से तकरार ज़रूरी है,
मग़र है सूरज चाँद के बग़ैर ये मोहब्बत अधूरी,

साँझ सकारे तू मौजूद है पल-पल के सफ़र में,
इस बात को यूँ ही हल्के में न लेना कहीं,

हाथों का हाथों को थामना, चादर पर तेरी सिलवटें,
ख़्वाबों में मौजूदगी मेरी, देती हकीक़त में रोज़ गवाही,

लहर तुझमें उठती है तो क्या, मेरी पलकों पर एक नज़र तो डाल,
न हर ज्वार भाटा थाम ले ये अंदाज़, तो बात रही!

नीना झा
संजोगिनी

©Neena Jha
  #Chhavi #Neverendingoverthinking
#नीना_झा #जय_श्री_नारायण #संजोगिनी

जय माँ शारदे 🙏
विषय... ज्वार-भाटा 

वो इश्क़ की लुका छुपी बहुत हुई,
सहसा ठहर जाती है धड़कन, तुझे न पाकर कहीं,
neenagupta7614

Neena Jha

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#Chhavi #neverendingoverthinking #नीना_झा #जय_श्री_नारायण #संजोगिनी जय माँ शारदे 🙏 विषय... ज्वार-भाटा वो इश्क़ की लुका छुपी बहुत हुई, सहसा ठहर जाती है धड़कन, तुझे न पाकर कहीं, #ज़िन्दगी

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