माना की कुछ रिश्ते होते हैं बेहद ख़ास जैसे मेरा तुमसे और तुम्हारा मुझसे तुम्हारा यूँ चुप रहकर मुझसे सवाल करना मेरा यूँ चुप रह रह कर तुम्हें जवाब देना पता ही नहीं चला की कब हम और तुम अपनी खामोशियों को ज़बान दे बैठे तुम्हारी मासूम सादगी पर हम मर मिटे हमारी इश्क पर तुम फिदा हो गए अब क्या मजबूरी है इस इश्क की प्यार दोनों तरफ से मग़र ज़बान खामोश है। ©AwadheshPSRathore7773 ये शायरी मुझे पहले आती नहीं थी मगर जैसे ही korona संक्रमित हुआ तब quarantine के दौरान पता नहीं क्या-क्या लिखता रहता था ये पंक्तियाँ भी बस ऐसे ही दिल से निकली है और जब निकली है तो दिल तक पहुंचेगी भी। 🙏❤❤🙏 कोई शक.....................बेशक पहुंचेगी। #OneSeason