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कभी कभी लिखी हुई बातों को, हर कोई नहीं समझ सकता..

कभी कभी लिखी हुई बातों को,
 हर कोई नहीं समझ सकता..!!
.क्योंकि, उसमें " एहसास " लिखा होता है ,
और लोग सिफ॔ " अल्फाज " पढ लेते है ..!!

जितना पिछला सोचोगे, 
उतना आज ख़राब करोगे..!!
जितना आज ख़राब करोगे, 
उतना आने वाले कल को अन्धकार में भरोगे..!!

©बेजुबान शायर shivkumar कभी कभी लिखी हुई #बातों  को,
 हर कोई नहीं #समझ  सकता..!!
.क्योंकि, उसमें " #एहसास  " लिखा होता है ,
और लोग सिफ॔ " #अल्फाज  " पढ लेते है ..!!

जितना पिछला सोचोगे, 
उतना आज ख़राब करोगे..!!
जितना आज #ख़राब  करोगे,
कभी कभी लिखी हुई बातों को,
 हर कोई नहीं समझ सकता..!!
.क्योंकि, उसमें " एहसास " लिखा होता है ,
और लोग सिफ॔ " अल्फाज " पढ लेते है ..!!

जितना पिछला सोचोगे, 
उतना आज ख़राब करोगे..!!
जितना आज ख़राब करोगे, 
उतना आने वाले कल को अन्धकार में भरोगे..!!

©बेजुबान शायर shivkumar कभी कभी लिखी हुई #बातों  को,
 हर कोई नहीं #समझ  सकता..!!
.क्योंकि, उसमें " #एहसास  " लिखा होता है ,
और लोग सिफ॔ " #अल्फाज  " पढ लेते है ..!!

जितना पिछला सोचोगे, 
उतना आज ख़राब करोगे..!!
जितना आज #ख़राब  करोगे,