#OpenPoetry शाम आजकल उनकी यादो पर भारी पङ गयी । ईक लङकी थी जो मेरीं निन्दों पर अङ गयी। और बोली - चमन से बहार चुरा लो। कातिल सी आँखों मे हजार ख्वाब दें गयी। चाँद से एक दिन पुछा उसने। घर अपने कब बुलायेगा। या फिर यूँ हि उम्रभर अपने सपने देकर यूँ हिं रातो को रूलायेगा।. चाँद जैसे अपने हि दर्द में सिहर उठा।. हर ईक पल उस चाँदनी से था रूठा-रूठा। बिन चाँदनी के अमावश कि रात को भी लगता टुटा-टुटा।। हजारों ताँरों के बिच के बिच में आऊगाँ।। सुन ए - चाँदनी तुझें हीं दुल्हन बनाऊँगा। चाँद कि ये दिद-ए महोब्बंत देखकर चाँदनी कह उठी। ए - चाँद में तुझ से कभी ना रूठी। पर तुझ से बिछङ कर मुझ मेरी श्वाश लगती थी टुटी - टुटी। (@@;)neetuशharmA चाँद और चाँदनी...🌛🌜.....❤❤❤(@@;) neetuशharmA✍....#openpoetry #nojotonews#nojotoapp#nojotoinsta#nojotolove#nojotoshyari#stories#nojotoerotica#kalakash#nojotochallangeOpenPoetry #OpenPoetry #nojotoofficial#nojotoinstagram@nojotoapp Akshita Jangid(poetess)