" महफूज़ रखा हूं आज भी एहसास तेरा , जिक्र तेरा अक्सर तेरी जिन बातों का करते हैं , वक़्त का लम्हा कब कोई भी ऐसे में , तशबुर में आज भी सम्हाले रखें है . " --- रबिन्द्र राम Pic : Google pic " महफूज़ रखा हूं आज भी एहसास तेरा , जिक्र तेरा अक्सर तेरी जिन बातों का करते हैं , वक़्त का लम्हा कब कोई भी ऐसे में , तशबुर में आज भी सम्हाले रखें है . " --- रबिन्द्र राम