सगाई - तुम्हे अपना बनाने तक, तुम्हे अपना मान लिया । थोड़े सपने सजाने तक, थोड़े सपनों को जान लिया ।। हर कदम साथ चलने का वादा लिए , मेरी उंगली ने तेरी उंगली को थाम लिया । मिले तो रास्ते आपस में हैं , रस्म में बस अंगूठियों को नाम दिया ।। बंट गए सारे दुःख, आज से हमारे बीच । खुशियों की चादर ने, आज से ही फैलना जान लिया ।। सफर सात फेरों तक सगाई का रहेगा भले । ज़िन्दगी संग बिताएंगे, ये अभी से है ठान लिया ।। तुम्हे अपना बनाने तक, तुम्हे अपना अभी से है मान लिया ...! ~ प्रवीण कुमार #engagement #सगाई