चारो पीठ के अधीश, बनने लगे हैं ईश, जन क्रोध देगा पीस, बाज नहीं आएंगे। पीठ के अधीश कैसे, केवल ये भृत्य जैसे, ऐंठते मलाई पैसे, शीश क्यों हिलाएंगे।। राम का विरोधी पक्ष, उनके ये गुर्गे दक्ष, भाजप का धर्म लक्ष्य,अक्ष क्यों दिखाएंगे। सबका है रामधाम,न्यास को मिला है काम, दल का नहीं है नाम, मोदी क्यों मनाएंगे।। ----------------------------------------------------- आचार्य डॉ वीरेन्द्र प्रताप सिंह 'भ्रमर' सूर्यवंशम् सीतापुर चित्रकूट ©Dr Virendra Pratap Singh Bhramar #happydussehra