ये आंखे भी अब नम हो गई है क्यूंकि अब ना हुस्न –ए –दीदार होगा। तड़पते रहेंगे उनकी यादों में जिन्दगी भर फिक्र उनका हमें बेशुमार होगा। याद आयेगी वो चन्द लम्हों की मुलाकाते जब –जब, उनकी तन्हाई से ही प्यार होगा। दफन कर दिया हर ख्वाइश मैंने अपना फिर भी एक झलक उनको देखने का इंतजार होगा। ©Raghvendra Yadav #Chachahat