White बालम, आवो हमारे गेह रे। तुम बिन दुखिया देह रे। सब कोई कहे तुम्हारी नारी, मोकों लागत लाज रे। दिल से नहीं दिल लगाया, तब लग कैसा सनेह रे। अन्न न भावै नींद न आवै, गृह-बन धरै न धीर रे। कामिन को है बालम प्यारा, ज्यों प्यासे को नीर रे। है कोई ऐसा पर-उपकारी, पिव सों कहै सुनाय रे। अब तो बेहाल कबीर भयो है, बिन देखे जिव जाय रे॥ @कबीर ©Jorwal #sad_dp हिंदी कविता देशभक्ति कविताएँ प्रेम कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कोश