सूर्य सूर्य कभी रुकता नही, सूर्य कभी थकता नही। चलता रहता सुपथ पर, जल रहा बनके अंगार। चमकाता रहा ग्रहों को, चमका रहा नक्षत्रों को। ब्रह्माण्ड का आधार है, उजालों का भण्डार है। सूर्य समय की चाल है, बनता वह विकराल है। सूर्य अमर अविनाश है, करता तम का नाश है। कल्पों से झेला त्रास है, सूर्य में ईश का वास है। आज बना हुआ राज है, कर रहे सूर्य पर नाज़ है। JP lodhi 22/05/2020 🙏🌹शुभ प्रभात🌹🙏 । #सूर्य