ज़िन्दगी के हर मोड़ पर... ज़िन्दगी के हर मोड़ पर , चलना सीख़ लो, बिछड़ो मगर फिर हंस के मिलना सीख़ लो, सुहाना सफर है, इश्क़ की गलियों का यहाँ, फिसलन बहुत है मगर, सम्भलना सीख़ लो, © -कमल कर्मा"के.के." ज़िन्दगी के हर मोड़ पर... ज़िन्दगी के हर मोड़ पर , चलना सीख़ लो, बिछड़ो मगर फिर हंस के मिलना सीख़ लो, सुहाना सफर है, इश्क़ की गलियों का यहाँ, फिसलन बहुत है मगर, सम्भलना सीख़ लो, © -कमल कर्मा"के.के."