तू ना निभा सकी तो क्या। मैं अपनी मोहब्बत को अंजाम दूंगा।। तुमसे मिलना ना हुआ नसीब पर। मै अपनी औलाद को तेरा नाम दूंगा । मोहब्बत को अंजाम