सपनों से भरे नैना। इनमें तुम ही रहना। मैं नदी सी बहती रहूं, तुम सागर बन जाना। ना जाने कितने दरिया, आयेंगे तेरे-मेरे दरमियान। नाराजगी में हमसफ़र, साहिल पे ना ठहर जाना। एक मीठा सा दर्द है, ये प्यार तेरा-मेरा। ज़िंदगी एक प्यारी कहानी, एक शब्द तेरा,एक मेरा। सपनों से भरे नैना। इनमे तुम ही रहना। मैं नदी सी बहती रहूं। तुम सागर बन जाना। ' प्रदीप ' ©प्रदीप सपनों से भरे नैना।