Nojoto: Largest Storytelling Platform

बेटा भी यहाँ बट जाता है, जन्म दात्री माँ और संतानद

बेटा भी यहाँ बट जाता है,
जन्म दात्री माँ और संतानदात्री पत्नी,
के बीच छँट जाता है।

नहीं कहता कुछ पर खुद से ही कट जाता है।
नहीं कहता कुछ पर खुद से ही कट जाता है।

क्या फैसला सही है उसे खुद ही समझ नहीं आता है।
उसे भी तो कोई समझे बस वो इतना चाहता है।

क्या फैसला सही है उसे खुद ही समझ नहीं आता है।
उसे भी तो कोई समझे बस वो इतना चाहता है।

बेटा भी यहाँ बट जाता है,
जन्म दात्री माँ और संतानदात्री पत्नी,
के बीच छँट जाता है।

©Gunja Agarwal
  #beta
#Bete 
#BoloDilSe 
#PoetryMonth
#poetrymonthapril 
#Poetrymonth💞 
#poem✍🧡🧡💛 
#poetess