गम मिले जितने सभी बर्दाश्त कर गए हम तो लुट कर भी चमन आबाद कर गए लोग डर कर भागते थे जिस डगर से उस डगर पे खुद को हम नाबाद कर गए वक़्त की तो राह कुछ बुज़दिल ही तकते हैं हम तो जब उतरे तभी आगाज़ कर गए लोग किस अंदाज़ से जीते हैं जहां में हम तो मर कर भी नया अंदाज़ कर गए आशीष त्रिपाठी से 5भिलाई #sainik