एक गुजारिश है, अनसुना मत करना , पोशम्पा खेलेंगे साथ में, मना मत करना । सौ रुपये की घड़ी चुरा के जो जेल में आ जाऊं तेरी । कोई ज़मानत भी कर दे, तू रिहा मत करना ।। ©Being Anonymouss रूठ न जाना तुमसे कहूँ तो ।