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कबकी खत्म कर चुका हूं मैं एक एक बूंद पी चुका हू

कबकी खत्म कर चुका हूं मैं
   एक एक बूंद पी चुका हूं मैं।।।। सुप्रभात।
रात कितनी भी गहरी क्यों न हों अधिक दिन तक आकाश पर बनी नहीं रह सकती। सूरज चमक कर ही रहता है। दिन निकल ही जाता है।
#दिननिकलगया #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
कबकी खत्म कर चुका हूं मैं
   एक एक बूंद पी चुका हूं मैं।।।। सुप्रभात।
रात कितनी भी गहरी क्यों न हों अधिक दिन तक आकाश पर बनी नहीं रह सकती। सूरज चमक कर ही रहता है। दिन निकल ही जाता है।
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