भूली तो नहीं होगी पहली मुलाक़ात को, जब सूझता नहीं था हाथ भी हाथ को। अक्सर वह लम्हें 'अनाम' जब याद आते, ज़ुबाँ ख़ामोश ही रहती कुछ बात को। #shamaurtanhai #252 #anam #365days365quotes