वक्त चलता गया मैं ठहरता गया ,मैं जहां से चला था वहीं आ गया, ना थी मंजिल बड़ी हौसले ना थे कम पैर जिद पर अड़े थे रुकेंगे ना हम जब गिरे क्या बताएं कि कैसे गिरे मंजिलों से नहीं दिल से हारे थे हम रेत का घर बनाया था वर्षों से जो एक. आई लहर सब ढह सा गया वक्त चलता गया मैं ठहरता गया , मैं जहां से चला था वहीं आ गया,. ✍️R.N #NojotoQuote 😮 😮 😮 🙏🙏🙏🙏