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आतप्त धरा रुदन रवि का, श्वेद कणों से निकलता है। शु

आतप्त धरा रुदन रवि का,
श्वेद कणों से निकलता है।
शुष्क निलय तप्त थपेड़े,
जब मेघ कणों में बहता है।
आतप्त धरा रुदन रवि का,
श्वेद कणों से निकलता है।
शुष्क निलय तप्त थपेड़े,
जब मेघ कणों में बहता है।