कोई जो शायरों से कोई जो शायरों से लफ्ज़ ना ले उधार जिसके पास खुद शब्दों का हो अंबार कोई जिसे याद ना करना पड़े बार बार जो खुद ब खुद हो जाए मेरी सोंच में शुमार #love_notes