है ख़्वाब की एक वादी, अँधेरे में नूर की बातें करते हैं नजदीकियां बढ़ाती सिसकियाँ, दूर की बातें करते हैं! कसर ना छोड़ी आज तलक अधरों को नीला करने की, आज चूमा थोड़ा जोर से, तो दस्तूर की बातें करते हैं! अंदाज - ए - करम देखो, गुस्सा भी करते मीठा - मीठा, कलियों सा चटकता रंग, उन्हीं हुज़ूर की बातें करते हैं! रूख़सार पर तीन तिल की रौनक, गर्दन सुराही माफ़िक, पीते रहते उनकी आँखे, वो कुसूर की बातें करते हैं! नाक में बाली, लंबा झूमका, बिंदी लाल मोटी मोटी, रेशमी जुल्फों की है वो मल्लिका, हूर की बातें करते हैं! अदाएं, तल्खियाँ, ऐसी कि तलवार भी काट दे 'कुमार', गोरी रंगत, चाल शराबी, मिले सुरूर. की बातें करते हैं! मैं अक्सर कहता हूँ जब कहता ख़ुश होता हूँ तो मैं ग़म को ज्यादा मेहसूस करता हूँ और जान ग़म में, मुझे प्यार, रूहानी, मासूमियत, इश्क़, सूझता है, यह नज़्म शायद मेरे इस ख़्याल को और पुख़्ता करती है...! #kumaarsthought #kumaaronlove #kumaarromance #kumaarerotica #erotica #नूर #दस्तूर #hindierotica