भोर का स्वागत🌄🌄🙏🙏 विश्वास के सूरज की, आशा की किरणें आई मन आंगन, लाई संदेश संगीतमय, होने को है नवदिवस का आगमन, गुनगुनाती रश्मियों का, अन्तर्मन की रेशमी पलकों पे चुम्बन, महकने लगा है, तन मन का प्रत्येक कोशिका कण, उजियारे की इस, मीठी सी कविता की नर्म धूप से, उदासी की बूंदों का हो वाष्पीकरण, इसी प्रार्थना से दिन का करें प्रारंभ सबके मन हो आज खुशी का वातावरण 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 भोर का स्वागत🌄🌄🙏🙏 विश्वास के सूरज की, आशा की किरणें आई मन आंगन, लाई संदेश संगीतमय, होने को है नवदिवस का आगमन, गुनगुनाती रश्मियों का, अन्तर्मन की रेशमी पलकों पे चुम्बन, महकने लगा है,