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अब सब याद बन कर रह गया, वो क्लास वो दोस्त सब ख्वा

अब सब याद बन कर रह गया, 
वो क्लास वो दोस्त सब ख्वाब बन कर रह गया। 
नही चला पता कब इतने साल गुजरे यहाँ, 
नही चला पता कितने मिले और कितने बिछड़े यहाँ, 
अब तो ये कॉलेज भी एक याद बन कर रह गया, 
ये महाराणा प्रताप अब ख्वाब बन कर रह गया। 

याद आयेगी वो बाते, वो यादें वो मुलाकाते। 
अब कोई दोस्त ना होगा जो समोसे खिलायेगा, 
कोई अपना ना होगा जो कॉलेज को  जगायेगा। 
वो Assignment वो put सब याद बन कर रह गया। 
ये कॉलेज महज एक ख्वाब बन कर रह गया। 

याद आयेगी नरेंद्र सर की वो सारी बाते हमको जो भी बतलाते थे। 
याद हैं वो मयंक सर की कहानी राह हमको दिखलाते थे, 
याद आयेगी दोस्तो की सब लंच अपना खिलाते थे। 
याद आयेगी हर एक शख़्स की जिस से भी बतियाते थे। 

अब तो यारो ये सब एक याद बन कर रह गया। 
ये farewell ये poetry सब ख्वाब बन कर रह गया। 

इन कुछ सालों मे कोई अपने हो गये और कोई अपने से पराये, 
गुजरते इन सालों मे बहुतो ने अपने अपने चेहरे दिखलाये, 
शिकायत नही मुझे किसी से दोस्ती अच्छी सब निभाए, 
दुख है इस बात का बस बिछड़ गए हैं अपने अब। 
कैसे याद करोगे सबको व्यस्त हो चुके होंगे सब। 

वादा करते हैं मिलकर यारो reunion हम मनायेगे। 
सब आएँगे मिलने सबसे अपना किस्सा सुनायेगे। 
आज तो ये मुलाकात भी एक याद बन कर रह गया। 
अरे कॉलेज तुं क्यु एक ख्वाब बन कर रह गया।

©Vikas Sony अब सब याद बन कर रह गया, वो क्लास वो दोस्त सब ख्वाब बन कर रह गया। 
नही चला पता कब इतने साल गुजरे यहाँ, 
नही चला पता कितने मिले और कितने बिछड़े यहाँ, 
अब तो ये कॉलेज भी एक याद बन कर रह गया, 
ये महाराणा प्रताप अब ख्वाब बन कर रह गया। 

याद आयेगी वो बाते, वो यादें वो मुलाकाते। 
अब कोई दोस्त ना होगा जो समोसे खिलायेगा,
अब सब याद बन कर रह गया, 
वो क्लास वो दोस्त सब ख्वाब बन कर रह गया। 
नही चला पता कब इतने साल गुजरे यहाँ, 
नही चला पता कितने मिले और कितने बिछड़े यहाँ, 
अब तो ये कॉलेज भी एक याद बन कर रह गया, 
ये महाराणा प्रताप अब ख्वाब बन कर रह गया। 

याद आयेगी वो बाते, वो यादें वो मुलाकाते। 
अब कोई दोस्त ना होगा जो समोसे खिलायेगा, 
कोई अपना ना होगा जो कॉलेज को  जगायेगा। 
वो Assignment वो put सब याद बन कर रह गया। 
ये कॉलेज महज एक ख्वाब बन कर रह गया। 

याद आयेगी नरेंद्र सर की वो सारी बाते हमको जो भी बतलाते थे। 
याद हैं वो मयंक सर की कहानी राह हमको दिखलाते थे, 
याद आयेगी दोस्तो की सब लंच अपना खिलाते थे। 
याद आयेगी हर एक शख़्स की जिस से भी बतियाते थे। 

अब तो यारो ये सब एक याद बन कर रह गया। 
ये farewell ये poetry सब ख्वाब बन कर रह गया। 

इन कुछ सालों मे कोई अपने हो गये और कोई अपने से पराये, 
गुजरते इन सालों मे बहुतो ने अपने अपने चेहरे दिखलाये, 
शिकायत नही मुझे किसी से दोस्ती अच्छी सब निभाए, 
दुख है इस बात का बस बिछड़ गए हैं अपने अब। 
कैसे याद करोगे सबको व्यस्त हो चुके होंगे सब। 

वादा करते हैं मिलकर यारो reunion हम मनायेगे। 
सब आएँगे मिलने सबसे अपना किस्सा सुनायेगे। 
आज तो ये मुलाकात भी एक याद बन कर रह गया। 
अरे कॉलेज तुं क्यु एक ख्वाब बन कर रह गया।

©Vikas Sony अब सब याद बन कर रह गया, वो क्लास वो दोस्त सब ख्वाब बन कर रह गया। 
नही चला पता कब इतने साल गुजरे यहाँ, 
नही चला पता कितने मिले और कितने बिछड़े यहाँ, 
अब तो ये कॉलेज भी एक याद बन कर रह गया, 
ये महाराणा प्रताप अब ख्वाब बन कर रह गया। 

याद आयेगी वो बाते, वो यादें वो मुलाकाते। 
अब कोई दोस्त ना होगा जो समोसे खिलायेगा,
vikassoni5014

Vikas Sony

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