जबरदस्ती कर रहे हैं खुद से ,कि कमजोर नहीं है हम , परेशानियां तो हम यूं ही निगल जाते हैं ओर तो ओर रोते भी नहीं है हम ,वो तो यूं ही हंसी-मजाक में आंसू निकल जाते हैं दिलेर