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यूं ही नहीं है चांद अकेला उसकी चांदनी किसी और के प

यूं ही नहीं है चांद अकेला
उसकी चांदनी किसी और के पास है
रोता है वो भी अकेला
और लोग कहते है आज अमावस्या की रात है यूं ही नहीं है चांद अकेला
उसकी चांदनी किसी और के पास है
रोता है वो भी अकेला
और लोग कहते है आज अमावस्या की रात है
यूं ही नहीं है चांद अकेला
उसकी चांदनी किसी और के पास है
रोता है वो भी अकेला
और लोग कहते है आज अमावस्या की रात है यूं ही नहीं है चांद अकेला
उसकी चांदनी किसी और के पास है
रोता है वो भी अकेला
और लोग कहते है आज अमावस्या की रात है