तेरी राह तके अँखिया जाने कैसा-कैसा होए जिया धीरे-धीरे आँगन उतरे अँधेरा, मेरा दीप कहाँ ढलके सूरज करे इशारा परदेश में ऐशो आराम से रहता है बेटा, पर गांव में माँ फिक्र में रहती है.....क्यो की माँ तो माँ होती है... .🙏🙏🙏 #YourQuoteAndMine Collaborating with Aarzu Singh,❤️