ग़ुमान न कर तू गैरो पर मत सोच की "शान" अकेला है मेरे आंसू सच्चे साथी हैं दिन- रात ग़मों का मेला है . ©Shaane shayari ग़ुमान न कर तू गैरो पर मत सोच की "शान" अकेला है मेरे आंसू सच्चे साथी हैं दिन- रात ग़मों का मेला है