White अपने अपने हिस्से काट लीजिए अपनों को पहले जरा छाँट लीजिए हाथ में आया है सरकारी ख़जाना दोस्तों में आराम से बाँट लीजिए प्याले भ्रष्टाचार के मीठे हैं बहुत पीजिए साथ व दूरियाँ पाट लीजिए सभी ने देखी हैं अपनी संभावनाएँ फिर आप भी क्यों न बाँट लीजिए सार ये बचा है रवि कि देश को काट सको जितना काट लीजिए ©दीपबोधि #hindi_diwas दोस्ती शायरी शायरी दर्द शेरो शायरी