कभी शाम है कभी रात है तन्हाईयां यह परछाइयां और तेरी यादें मुझे लिखने पर मजबूर कर देती है हर ख्यालात हर बात तेरे साथ बिताया हर पल मुझ में तुम और तुझ में मैं यही तो जीवन है यही तो जीवन है आगे बढ़ना है कुछ करना है कुछ करना है .....रवि सिंह भारती.....