गर हो जाए मन की मेहरबानियांँ तो मिट जाए जिंदगी की सारी परेशानियांँ, भटके न मन कभी भी इधर-उधर जब दिल की हो जाए मन से यारियांँ। सीख जाए गर मन हर हाल में खुश रहना तो मिट जाए सारी उदासियांँ, सजने लगेगीं जिंदगी में महफिलें दूर हो जाएंगीं सारी की सारी वीरानियांँ। 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 की प्रतियोगिता :- 178 में स्वागत करता है..🙏🙏 💫आप सभी 4-6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।