Safar पता नही कहां चले जा रहे है।।। पता नही कहां चले जा रहे है ना मंज़िल मिलती है न वक़्त ठहरता है कड़कती धूप और तेज़ बारिश मै ना धूप मिलती है न छांओ मिलता है पर खामोशी सिर्फ ईसलिए रखी मैनें क्योकीं रात का अंधेरा ढले जा रहा है सबर् इस बात का है की हर रात के बाद एक सबेरा मिलता है।।।।। #पतानहींकहांचलेजारहेहै