#वैलेंटाइन डे# ------------------------------ अरे ये आशिकी का महीना है ! भूल गई क्या! यह गुलाब भी ना किस्मत अच्छी पाई है इसने, प्रेम का साक्षात गवाह बनता है ये! और हां शुरुआत भी तो रोज डे से ही है। और फिर इजहार की हवा बहेगी, अंग्रेजी में इसे प्रपोज डे कहते हैं न! और फिर दुकानों में चॉकलेट सजे मिलेंगे तुम्हें तो डेरी मिल्क पसंद है न , अरे हंसो मत मालूम है मुझे! और हां मैं तो भूल ही गया! तुमने जो लाल रंग की टेडी पसंद की थी, उसे भी तो खरीदना है मुझे, तुम्हारे लिए नहीं भूलूंगा, जरूर खरीद लूंगा ओह ओह तुम भी ना! चलो तुम्हारी कसम! अब नहीं भूलूंगा कसम से ,याद आया! क्या हम फिर प्रॉमिस डे मनाएंगे? चलो कोई बात नहीं तुम कहती हो तो फिर से मना लेंगे! बहुत दिन हो गए तुमसे गले मिले हुए हग डे(hug day) का मुहूर्त भी तो निकल आया है! हमारा मन तो मिल चुका है क्या होठों को मिलाना जरूरी है! क्या प्रेम की अनुभूति स्पर्श है! उफ ये किस डे(kiss day) क्या बला है! नहीं मानोगी तुम न! ये आशिकी का महीना भी क्या-क्या नहीं करवाता ! क्या -क्या फिर से बोलो! वैलेंटाइन डे! अब कुछ छोड़ा है तुमने! सुनो हमारा प्रेम दिनों का पहर , और घड़ी की सुईयां नहीं देखता ! अच्छा चलो वह भी मना लेंगे ! ठीक है बाबा ! फिर से कह देता हूं आई लव यू ,आई लव यू ,आई लव यू , खुश! तुम भी न गजब हो! ©® अनिरुद्ध तिवारी #Valentine day special#poem #hindi#shyari