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White अपनी कश्ती, अपना साहिल, अपनी ही मंजिल अलग, ह

White अपनी कश्ती, अपना साहिल,
अपनी ही मंजिल अलग,
हम ही सागर, हम ही तूफां,
अपनी क़िस्मत का रंग।

न कोई सहारा, न कोई किनारा,
चलना हमें है खुद,
अपनी राहें, अपने रास्ते,
बनानी हैं अपनी नज़र।

मुश्किलों से दोस्ती करके,
हम चलते आगे बढ़,
क्यों डरें किसी ठोकर से हम,
जब हम हैं खुद की उड़।

अपने सपनों की ऊँचाइयाँ,
हैं हमसे बस कुछ कदम,
हौंसलों के पंख लगाए,
भरेंगे आसमान में दम।

अपनी कश्ती, अपना साहिल,
अपनी ही मंजिल अलग,
दुनिया की राहों से हटकर,
हम बनाते हैं अपना जग।

©आगाज़ #sad_qoute  Kamaal Husain  amit pandey  aditi the writer  Kumar Shaurya
White अपनी कश्ती, अपना साहिल,
अपनी ही मंजिल अलग,
हम ही सागर, हम ही तूफां,
अपनी क़िस्मत का रंग।

न कोई सहारा, न कोई किनारा,
चलना हमें है खुद,
अपनी राहें, अपने रास्ते,
बनानी हैं अपनी नज़र।

मुश्किलों से दोस्ती करके,
हम चलते आगे बढ़,
क्यों डरें किसी ठोकर से हम,
जब हम हैं खुद की उड़।

अपने सपनों की ऊँचाइयाँ,
हैं हमसे बस कुछ कदम,
हौंसलों के पंख लगाए,
भरेंगे आसमान में दम।

अपनी कश्ती, अपना साहिल,
अपनी ही मंजिल अलग,
दुनिया की राहों से हटकर,
हम बनाते हैं अपना जग।

©आगाज़ #sad_qoute  Kamaal Husain  amit pandey  aditi the writer  Kumar Shaurya
shraddhashrotriy5332

आगाज़

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