तुम्हारे सफ़र में ये अवाम कैसा है, जरा ये बताओ सुकूँ में आराम कैसा है,, ये महफ़िल कैसी नशा भी कैसा, अगर गिलास खाली है तो फ़िर ये जाम कैसा है,, ख़ैर ये जुबां कि ग़फ़लत जो आप तुम हो, मैं कितने अदब से बोलू ये तुम्हारा नाम कैसा है,, इतना उल्फत में डाल रक्खा है मोहित को तुमने, हर बार जिक्र हो मेरा तो फ़िर ये काम कैसा है,, •°●मोहित ○ •°●M.S.Writes. #Tumhare #safarnama #aaramNahiHai ..... #CupOfHappiness