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बादल की कहानी ये तो सावन मेघ जो अच्छा । इंसानी

बादल की कहानी 

ये तो सावन मेघ जो अच्छा ।

इंसानी हृदय का करता जरा विस्तार ।।

अब देख मनुज जो कल संदल निकलेगा ।

ना सिखलाना तो उसको बैर ।।

स्नेह बूँद से सींचा है मैने उसको ।

होगा वो इस धरती का शेर ।।

ना व्याकुल अब ये धरती होगी ।

ना हीं होगी ये दोजख का देश ।।

मनोरम दृश्य परिलक्षित होंगे ।

धरती बन जायेगी स्वर्ग सरीखा देश ।।

मेघ वर्षा हो जाने पर धानी ये चुनर फहरायेगी ।

ना अब रक्त रंजित होगा छाती इस धरती का ।

रीते-रीते फ़िर गुनगुन गीत अपनी ये धरती गायेगी ।।

अम्बर नीचे फ़िर छाया है देखो फिर से काला मेघ ।

बरखा से फिर भिगेगी धरती नैन उठा और फ़िर से देख ।।

राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी
(भाग-2) बादल की कहानी
बादल की कहानी 

ये तो सावन मेघ जो अच्छा ।

इंसानी हृदय का करता जरा विस्तार ।।

अब देख मनुज जो कल संदल निकलेगा ।

ना सिखलाना तो उसको बैर ।।

स्नेह बूँद से सींचा है मैने उसको ।

होगा वो इस धरती का शेर ।।

ना व्याकुल अब ये धरती होगी ।

ना हीं होगी ये दोजख का देश ।।

मनोरम दृश्य परिलक्षित होंगे ।

धरती बन जायेगी स्वर्ग सरीखा देश ।।

मेघ वर्षा हो जाने पर धानी ये चुनर फहरायेगी ।

ना अब रक्त रंजित होगा छाती इस धरती का ।

रीते-रीते फ़िर गुनगुन गीत अपनी ये धरती गायेगी ।।

अम्बर नीचे फ़िर छाया है देखो फिर से काला मेघ ।

बरखा से फिर भिगेगी धरती नैन उठा और फ़िर से देख ।।

राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी
(भाग-2) बादल की कहानी
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