Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं मय में ही खो जाऊं, अगर मैं तुझको न पाऊं, ऐसे ज

मैं मय में ही खो जाऊं,
अगर मैं तुझको न पाऊं,
ऐसे जीने से क्या फायदा,
मैं जमीं दोज हो क्यूं न जाऊं,
वक्त भी तन्हाइयों को देता है,
इस शमां में तेरा हो क्यूं न जाऊं,
आंखो के सामने अगर दिखे न तू,
इससे अच्छा है मैं सो क्यूं न जाऊं,
ऐसी तड़प से अच्छा ही है,
मैं जमीं दोज ..........................! मैं जमीं दोज...........!
मैं मय में ही खो जाऊं,
अगर मैं तुझको न पाऊं,
ऐसे जीने से क्या फायदा,
मैं जमीं दोज हो क्यूं न जाऊं,
वक्त भी तन्हाइयों को देता है,
इस शमां में तेरा हो क्यूं न जाऊं,
आंखो के सामने अगर दिखे न तू,
इससे अच्छा है मैं सो क्यूं न जाऊं,
ऐसी तड़प से अच्छा ही है,
मैं जमीं दोज ..........................! मैं जमीं दोज...........!