(क़ातिल) यहाँ अपनो के लहू से हाथ रंगलेते हैं क़ातिल, फ़िर बड़े शौक से गुनाहों को छुपाते हैं क़ातिल। माना कि यहाँ बच जाओगे गुनाहों को छुपाकर,मगर वहाँ खुदा के घर कैसे बेगुनाही साबित करेगा क़ातिल। कैसे बचापायेगा वो खुद को खुदा के अजाब से एक न एक दिन मौत के आग़ोश में सजायेगा क़ातिल। ✍️जितेन्द्र-JKR (क़ातिल) यहाँ अपनो के लहू से हाथ रंगलेते हैं क़ातिल, फ़िर बड़े शौक से गुनाहों को छुपाते हैं क़ातिल। माना कि यहाँ बच जाओगे गुनाहों को छुपाकर,मगर वहाँ खुदा के घर कैसे बेगुनाही साबित करेगा क़ातिल।