फ़र्ज़ करो की मौत किताबे ले आयी हिसाब बताने को, और ज़िंदगी रो रही हो, बस उनकी एक आखरी झलक पाने को। गुरुर इतना कि वो अब भी तैयार नहीं ज़िद्द छोड़ने पर, अफ़सोस इतना कि दिल रों रहा है! जिंदगी, साथ उनके जोड़ने पर। हर ज़र्रा काप उठ खड़ी हुई तकलीफों से रूह बेचैन हुई पड़ी धड़कनों के चिखो से फिर भी उम्मीद रखकर आखरी इस दुनिया को छोड़ जाना है। मोहब्बत थी और है बेइंतिहान अब भी बस सुकून नहीं मरने का क्योंकि कुछ बात अब भी बताना है। जनाजे सज़ चुके है, लोग इकट्ठे होने लगे है। मगर आहट न मिल रही उनकी कही उम्मीद अब हम भी अपनी खोने लगे है। ना जाने कब किस पल दफना दिया जाएगा ता उम्र ना आया, शायद कब्र पर ही जवाब उनका आएगा। कमबख्त इश्क़ ने मारा मौत क्या डराएगी, मर तो वैसे उस ही दिन गए थे, जब वो बोल गई की छोड़ हमे वो चली जाएगी। ©Sheshank Kumar Dastan-e-Maut #sheshank #love #Zindagi #Dil #maut #shayari