दूर होकर करीब रहना~ नज़ाकत है मेरी,~ याद बनकर आँखों से बहना ~शऱारत है मेरी~ करीब ना होते हुए भी करीब पाओगे~~ क्योंकि एहसास बनकर दिल में रहना ~~आदत है मेरी b..v