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#बदलना.. बदल इंसान जाता है कोष वक्त को दिया जाता

#बदलना..
 बदल इंसान जाता है
 कोष वक्त को दिया जाता है 
 लोगों से हंस कर बातें करना और उन्हीं के लफ़्ज़ों से अपनी बुराई सुनना दिल को क्यूं कम बुरा लगा करता है ,
 चलो कोई तो है जो पीठ पीछे न सामने मेरी खामियों को बयां किया करता है ,
आखिर कोई तो है जो दूसरों को छोड़ मेरी बुरी आदतों से कभी-कभार रू-ब-रू करवा दिया करता है ,
कौन किसका सब नकाबो में रहा करते हैं आखिर कोई तो है जो समय निकाला करते हैं ,
 हर जगह भटकने के बाद मैंने दुसरो में खुद को ढूंढना सीखा है ,
 क्यूं अब लोग अक्सर बुरा-कमजोर समझ लिया करते हैं ,
 बात जानते नहीं पर कुछ भी बना लिया करते हैं ,
 पता नहीं उन्हें इस अंधविश्वास-अवधारणा से क्या ही मिलता होगा उन्हें इसमें खुशी मिलती है तो मिले क्यूं हंसी आ जाया करती है ,
 जिंदगी दूसरों को क्यूं समझने-समझाने में जाया कर दी जाती है ,
 क्यूं अपने को कम दूसरों को ज्यादा आका करते हैं ,
ख़ुदको पहचाना नहीं कभी मैं कमजोर हूं क्यू मान लिया करते हैं ,
मानो या न मानो ये हमारी नासमझी है जल्दी समझ ठीक फिर आगे तुम्हारी मर्जी है.....

©~XÊviL__👑 #बदलना_ज़रूरी_है 🙂✌🏻
बदल इंसान जाता है
 कोष वक्त को दिया जाता है 
 लोगों से हंस कर बातें करना और उन्हीं के लफ़्ज़ों से अपनी बुराई सुनना दिल को क्यूं कम बुरा लगा करता है ,
 चलो कोई तो है जो पीठ पीछे न सामने मेरी खामियों को बयां किया करता है ,
आखिर कोई तो है जो दूसरों को छोड़ मेरी बुरी आदतों से कभी-कभार रू-ब-रू करवा दिया करता है ,
कौन किसका सब नकाबो में रहा करते हैं आखिर कोई तो है जो समय निकाला करते हैं ,
 हर जगह भटकने के बाद मैंने दुसरो में खुद को ढूंढना सीखा है ,
#बदलना..
 बदल इंसान जाता है
 कोष वक्त को दिया जाता है 
 लोगों से हंस कर बातें करना और उन्हीं के लफ़्ज़ों से अपनी बुराई सुनना दिल को क्यूं कम बुरा लगा करता है ,
 चलो कोई तो है जो पीठ पीछे न सामने मेरी खामियों को बयां किया करता है ,
आखिर कोई तो है जो दूसरों को छोड़ मेरी बुरी आदतों से कभी-कभार रू-ब-रू करवा दिया करता है ,
कौन किसका सब नकाबो में रहा करते हैं आखिर कोई तो है जो समय निकाला करते हैं ,
 हर जगह भटकने के बाद मैंने दुसरो में खुद को ढूंढना सीखा है ,
 क्यूं अब लोग अक्सर बुरा-कमजोर समझ लिया करते हैं ,
 बात जानते नहीं पर कुछ भी बना लिया करते हैं ,
 पता नहीं उन्हें इस अंधविश्वास-अवधारणा से क्या ही मिलता होगा उन्हें इसमें खुशी मिलती है तो मिले क्यूं हंसी आ जाया करती है ,
 जिंदगी दूसरों को क्यूं समझने-समझाने में जाया कर दी जाती है ,
 क्यूं अपने को कम दूसरों को ज्यादा आका करते हैं ,
ख़ुदको पहचाना नहीं कभी मैं कमजोर हूं क्यू मान लिया करते हैं ,
मानो या न मानो ये हमारी नासमझी है जल्दी समझ ठीक फिर आगे तुम्हारी मर्जी है.....

©~XÊviL__👑 #बदलना_ज़रूरी_है 🙂✌🏻
बदल इंसान जाता है
 कोष वक्त को दिया जाता है 
 लोगों से हंस कर बातें करना और उन्हीं के लफ़्ज़ों से अपनी बुराई सुनना दिल को क्यूं कम बुरा लगा करता है ,
 चलो कोई तो है जो पीठ पीछे न सामने मेरी खामियों को बयां किया करता है ,
आखिर कोई तो है जो दूसरों को छोड़ मेरी बुरी आदतों से कभी-कभार रू-ब-रू करवा दिया करता है ,
कौन किसका सब नकाबो में रहा करते हैं आखिर कोई तो है जो समय निकाला करते हैं ,
 हर जगह भटकने के बाद मैंने दुसरो में खुद को ढूंढना सीखा है ,
aakanshusharma1255

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