कहा पर बोल ना है और कहा बोल जाते है जहा खामोश रहना है वहा मुंह खोल जाते है कटा शीश सैनिक का तो हम खोमोश रहते है कटा एक सीन पिचर का तो सारे बोल जाते हैं कहाँ पर बोलना है