हार मन से मैं अब हार गई हूं, दिल से भी अब हार गई हूं। जब जब तुझको सोचूं, तब लगता है अब हार गई हूं।। मैं धरती हूं, तू अम्बर है... काश मैं सूरज बन पाती... किरणों के संग जाती और तुझको मैं यूं ही छू जाती... दिल का स्वप्न ये रहा नहीं अब... तुम किसी और के हो जाना... खुद से मैं अब हार गई हूं, खुदा से भी तुझको हार गई हूं। जब जब तुझको सोचूं, लगे... अब खुद से भी तुझको हार गई हूं।। ©priyastarkgold #हार