मरहम नहीं तो कोई जख्म ही दे दो,, महसुस तो हो की तुम भूले नहीं हो मुझे, ________________________________ मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा, मरहम नहीं तो कोई जख्म ही दे दो,, महसुस तो हो की तुम भूले नहीं हो मुझे,