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अपने हर लफ्ज़ का खुद आईना बन जाती है सादगी ही

अपने  हर  लफ्ज़ का खुद  आईना बन जाती है
सादगी  ही  अदायगी  का  ज़रिया बन जाती है!

किन अल्फाज़ों का लूँ सहारा  जिनसे तारीफ़ हो
मासूमियत,हया तहज़ीब का दरिया बन जाती है!

दिखता  है  हुनर  इनमें, बड़े  बड़े रचनाकारों का,
रूमानी  नज़्म, सुकून का नज़रिया बन जाती है!

साफ़  दिल  और  नेक छवि है पाया तुमको प्रज्ञा,
जवाब में तुम्हारे मेरी कविता बढ़िया बन जाती है!  प्रज्ञा जी, एक छोटी सी कोशिश की है..! आप की सादगी और अदायगी बहुत मुश्किल है इस जालसाजी भरी दुनिया में. खुशकिस्मती है कि आपसे यहाँ मुलाकात हुई..! हिन्दी में कैसे दिल के भाव मोहब्बत वाले लिख सकते है, वो आपसे सीखा..! 

Dedicating a #testimonial to प्रज्ञा 

#kumaarsthought #kumaardedication
अपने  हर  लफ्ज़ का खुद  आईना बन जाती है
सादगी  ही  अदायगी  का  ज़रिया बन जाती है!

किन अल्फाज़ों का लूँ सहारा  जिनसे तारीफ़ हो
मासूमियत,हया तहज़ीब का दरिया बन जाती है!

दिखता  है  हुनर  इनमें, बड़े  बड़े रचनाकारों का,
रूमानी  नज़्म, सुकून का नज़रिया बन जाती है!

साफ़  दिल  और  नेक छवि है पाया तुमको प्रज्ञा,
जवाब में तुम्हारे मेरी कविता बढ़िया बन जाती है!  प्रज्ञा जी, एक छोटी सी कोशिश की है..! आप की सादगी और अदायगी बहुत मुश्किल है इस जालसाजी भरी दुनिया में. खुशकिस्मती है कि आपसे यहाँ मुलाकात हुई..! हिन्दी में कैसे दिल के भाव मोहब्बत वाले लिख सकते है, वो आपसे सीखा..! 

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