मोहब्बत ए दलदल में धँसता जा रहा हूँ मैं, मेहबूब के जाल में फँसता जा रहा हूँ मैं, मैं जानता हूँ वो मुझे फँसा के मारेगा, फिर भी उसी के शामियाने में हँसता जा रहा हूँ मैं..... #Mohabbat, #Mehboob, #Shamiyana, #Shayari, #Sharif